Day: April 8, 2025
प्रभु स्मरण श्लोक
कायेन वाचा मनसैन्द्रियैर्वा बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात्। करोमि यद्यत्सकलं परस्मै नारायणायेतिसमार्पयामि॥ अर्थ:मैं जो भी कार्य करता हूँ — शरीर, वाणी, मन, इन्द्रियों, बुद्धि और आत्मा से, वह सब मैं भगवान नारायण को समर्पित करता हूँ।
दीपक श्लोक
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते॥ अर्थ:हे दीपज्योति! आप शुभ, कल्याण, आरोग्य और धन प्रदान करें और शत्रुओं की बुद्धि का विनाश करें।
ज्ञान श्लोक
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःखभाग् भवेत्॥ अर्थ:सभी सुखी हों, सभी रोगमुक्त रहें, सभी शुभ देखें और कोई भी दुःखी न हो।
माँ दुर्गा श्लोक
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ अर्थ:जो देवी समस्त प्राणियों में शक्ति के रूप में स्थित हैं, उन्हें बार-बार नमस्कार है।
श्री गणेश वंदना श्लोक
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ अर्थ:हे वक्रतुण्ड और विशालकाय, जो करोड़ों सूर्यों के समान प्रकाशमान हैं, मेरे सभी कार्यों को सदा निर्विघ्न करें।
शांति का श्लोक
ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥ अर्थ:प्रभु हम दोनों की रक्षा करें, हमें साथ-साथ भोजन दें, हम मिलकर शक्ति के साथ कार्य करें, हमारे अध्ययन में तेजस्विता हो, हम एक-दूसरे से द्वेष न करें। शांति हो, शांति हो, शांति हो।
मौन में छुपी है परम शक्ति
“कभी-कभी उत्तर नहीं, केवल मौन ही जीवन के सारे प्रश्नों का समाधान होता है।”
जब कुछ ना समझ आए, तो प्रभु का नाम लो
“जिन राहों पर दिशा नहीं दिखे, वहाँ ईश्वर का नाम सबसे बड़ा दीपक बनता है।”