🌺 १०८ दिव्य नामों की दिव्य अनुभूति में आपका स्वागत है
श्रीहरि के १०८ नामों का जाप कर अपने जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा, शांति और आनंद का अनुभव करें।
Experience divine grace by chanting the 108 sacred names of the Supreme.

चित्र: १०८ दिव्य नामों से जुड़ी आध्यात्मिक अनुभूति को दर्शाता हुआ।


१०८ दिव्य नाम: आध्यात्मिकता का अद्भुत रहस्य
सनातन धर्म में ‘१०८’ संख्या का विशेष महत्व है। यह केवल एक संख्या नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक है। भगवान के १०८ दिव्य नामों का जप करना, साधना और ध्यान में अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह न केवल आत्मा की शुद्धि करता है, बल्कि भक्त को ईश्वर के करीब लाने में सहायक होता है।
१०८ संख्या का आध्यात्मिक रहस्य
संख्या ‘१०८’ केवल संख्याओं का मेल नहीं, बल्कि गूढ़ आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तथ्यों से जुड़ी हुई है। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और योग साधना में इस संख्या को विशेष स्थान प्राप्त है। कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- वैदिक गणना के अनुसार: १ (संपूर्णता) + ० (शून्यता) + ८ (अनंतता) मिलकर १०८ का निर्माण करते हैं।
- ज्योतिष और खगोलशास्त्र में: सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी, तथा सूर्य का व्यास १०८ के गुणकों में पाए जाते हैं।
- योग साधना में: हमारे शरीर में १०८ ऊर्जा केंद्र होते हैं, जो आध्यात्मिक जागरण से जुड़े होते हैं।
- माला जप में: मंत्र जप के लिए १०८ मनकों वाली माला का उपयोग किया जाता है।
१०८ दिव्य नाम और उनका महत्व
भगवान के १०८ दिव्य नामों का जप भक्तों के लिए विशेष फलदायी होता है। प्रत्येक नाम एक विशेष ऊर्जा और प्रभाव को दर्शाता है। प्रमुख रूप से, विष्णु, शिव, देवी दुर्गा और अन्य देवताओं के १०८ नामों का जप करने से मनुष्य को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
१०८ दिव्य नामों के जप का प्रभाव
भगवान के १०८ नामों का जप करने से मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ होते हैं। आइए जानते हैं इन प्रभावों को:
- मानसिक शांति और ध्यान की शक्ति: मंत्रों के उच्चारण से मन शांत होता है और ध्यान की क्षमता बढ़ती है। १०८ नामों का जप करने से मानसिक चंचलता कम होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: दिव्य नामों के नियमित जप से घर और व्यक्ति के चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा बनती है, जो नकारात्मक शक्तियों को दूर रखती है।
- आध्यात्मिक जागरण: जप से भक्ति और श्रद्धा बढ़ती है, जिससे आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
- कर्म बंधनों से मुक्ति: नियमित जप से व्यक्ति पूर्व जन्मों के पापों से मुक्त होकर मोक्ष के पथ पर अग्रसर होता है।
१०८ दिव्य नामों का जप कैसे करें?
- शुद्धता: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और एक शांत स्थान पर बैठें।
- माला का उपयोग करें: तुलसी या रुद्राक्ष माला से १०८ बार जप करें।
- ध्यान और भावना: प्रेम और श्रद्धा से भगवान का ध्यान करते हुए जप करें।
- नियमितता: प्रातः और सायं काल में प्रतिदिन जप करें।
निष्कर्ष: १०८ दिव्य नाम केवल उच्चारण मात्र नहीं, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने और परमात्मा से जोड़ने का एक दिव्य मार्ग हैं। यदि हम प्रतिदिन इनका जप करें, तो हमारा जीवन आनंद, शांति और भक्ति से भर जाएगा।